उमा - अरे सुबह सुबह शोर मत मचाओ, पडोसी डिस्टर्ब होते है।
अजय - होने दो, होली है,आज शोर भी होगा और मस्ती भी होगी।
उमा- हलके, चाय बनाने दो।
अजय - आज तक समझ नहीं आया की चाय बनाने मै इतनी मेहनत कैसेलगती है ?
उमा - बनानी पड़ती है।
अजय - अरे गैस पर पतीला रखने में क्या मेहनत..... कोई तुम्हे थोड़ी ना गैस पर उबलना है।
उमा - हा हा वैरी फन्नी।
अजय - अच्छा पर मै सिरियस था।
उमा - मै सिरियस हो गई तो खाना बाहर से आयेगा ।
अजय - वैसे भी छुटी के दिन केवल चाय ही पिलाती हो और खाना बाहर का ही नसीब होता है।
उमा - मै तो कुछ करती ही नही ना।
अजय - मै हां कहूँगा तो लडोगी तो नही।
उमा- नही....लड़ लो ।
अजय - नही लड़ सकता ना... वर्ना चाय भी नसीब नही होगी, तुम घंटे भर में चाय बनाओ मै भारत को जगाता हूँ।
उमा - किसी को चैन से रहने मत देना ?
अजय - तुम से ही सीखा है, भारत उठो उठो होली है।
भारत - गुड मोर्निंग डेड।
अजय - अरे भारत उठा हुआ है।
भारत - येस
अजय - उमा होली पर चमत्कार हो गया।
उमा - क्या ?
अजय - बेटा बिना जगाये जग गया।
भारत - डेड मैं बीमार हूँ ।
अजय - पहले क्यों नही बोला, अभी थर्मामीटर लाता हूँ।
भारत - नही बुखार नही है।
अजय - बेटा क्या तकलीफ है ? अभी चलते है डॉक्टर के पास यू विल बी फाइन।
भारत - तकलीफ कुछ नही है पर मुझे लगता है हम सब को शोर्ट टर्म मेमोरी लोस की बीमारी होगई है।
अजय - ये क्या बीमारी है?
भरत - वही जो आमिर खान को गजनी मे हूई थी।
अजय - हा... हा... , बेटा वो सब फिल्मो मे होता है।
भारत- नही डेड हम सब को यह बीमारी हो गई है।
अजय - नही बेटा वो फिल्म दिमाग मे रह गयी इसलिए तुम्हे ऐसा लग रहा है।
भारत - नही डेड आई कैन प्रूव ।
अजय - अच्छा तुम्हे क्यों लगता है की तुम्हे यह बीमारी है?
भारत - मुझे ही नही हम सब को।
अजय - अच्छा हम सब को पर तुम्हे ऐसा क्यों लगता है?
भारत - शोर्ट टर्म मेमोरी लोस मे इन्सान को कुछ समय पहले की बाते याद नही रहती है।
अजय - वो पता है, बेटा मुझे सब याद है , हम सब ठीक है बस तुम फिल्में देखना कम करो, अब उठो नाश्ता करोफिर होली खेलो।
अजय - देखो आज होली है मुझे याद है हा..... हा!
भारत - वो आप को इसलिए याद है क्यों की होली आज की बात है लेकिन कुछ दिनों पहले की दुर्घटना याद होती तोआप होली की बात भी नही करते।
अजय - क्या भूल गया , अभी तक तेरी माँ ताने मारती थी कुछ याद नही रखते अब तू भी बोलने लगा. बता क्याभूल गया।
भारत - आप नही हम सब भूल गये की कुछ दिनों पहले देश मे धमाका हुआ था कितने घरो मे सन्नाटा फैल गया हैकितने जन अभी तक ज़िन्दगी के लिए लड़ रहें है । इससे बड़ा क्या शोर्ट टर्म मेमोरी लोस का उधारण होगा डेड । ज़िन्दगी किसी के लिए नही रूकती है, ना रुकेगी पर..... थोड़ी तो इंसानियत भी होनी चहिये?
भारत - कहिये हम सब शोर्ट टर्म मेमोरी लोस से पीड़ित है की नही?
भारत - डेड डोक्टर के पास चले.......
(यदि आप भी इस बीमारी से पीड़ित है तो जल्द ही अपने नजदीकी अस्पताल मे दिखाइये)
भारत - डेड डोक्टर के पास चले.......
(यदि आप भी इस बीमारी से पीड़ित है तो जल्द ही अपने नजदीकी अस्पताल मे दिखाइये)
सही बात है। अच्छी लगी रचना ।होली की हार्दिक शुभकामनायें
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ReplyDeletevery well written...
ReplyDeletebut in my point of view its our nature n pattern of living... where we let our memory to loose all such things which use to bring tears in our and near-n-dear ones eyes... that doesn't menas, we forget the problems and issues our country is facing, but to leave them somewhre in the corner and live forward is the way we learnt from the childhood...
remember when we fell while playing or cycling, our parents and elderone says, "nothing happened..." "brave child don't see all such small things"... and that we are following till the date...
shayad ye padhkar hi lost memory regain ho jaye.....achchhi rachna...badhai
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