Friday 25 June 2010

मेरा भारत महान ________ (है / था)

त्यनारायणजी........... सत्यनारायणजी घर पर है क्या ?
पूजा - समझ
नही आता तुम्हारे दोस्त कब घंटी बजाना सीखेंगे
चिल्ला रहें है गंवारो की तरह, अरे रिटायर्ड आदमी घर पर नही होगा तो क्या तुम्हारी तरह सुबह - सुबह दुसरो के दरवाजे पर होगा
सत्यनारायणजी - मिश्रा साहब घर पर ही हूँ - आजायें
पूजा - अब चाय बनाओ, अरे इतनी महंगाई है और इतने काम होते है आ गायें सत्यनारायणजी करते हुए
मिश्रा - नमस्कार भाभीजी, मैंने कहा नमस्कार!
पूजा -
नमस्कारजी!
मिश्रा - क्या बात है आज भाभी उखड़ी हुई लग रही है सत्यनारायण लडे क्या?
पूजा - नही- नही, बस आप का ही जिक्र चल रहा था की मिश्राजी शाम को भी क्यों नही आते?
मिश्रा - ओह.... क्षमा चाहूंगा.... क्या करूँ भाभी अब चलने में तकलीफ होती है, आज से रोज़ आऊँगा - खुश!!
सत्यनारायण - चाय बना देती!
मिश्रा - यही बात बुरी लगती है , तुम भाभीजी को चैन से बैठने नहीं देते हो, भाभीजी चाय मत बनाईये - मैंने आज से चाय पीनी छोड़ दी है
सत्यनारायण - क्यों मिश्राजी चाय से क्या नाराज़गी?
मिश्रा - नही मैंने अब नाराज़ होना छोड़ दिया है बस अब पानी के संग रोटी खाउगा आखरी साँस तक

सत्यनारायण - मगर क्यों मिश्राजी?
मिश्रा - महंगाई को देखिये (गैस ३५ रुपये बढ़ गयी, पेट्रोल 3. रूपये ७३ पैसे , डीजल २ रूपये और केरोसीन ३ रुपये ) जंगली बेल की तरह बढती जा रही है

पूजा - भाई साहब निराश मत होईये जल्द ही सब ठीक हो जयेगा आखिरकार मेरा भारत महान है
मिश्रा - पता नही महान है या था मुझे तो सिर्फ अंधकार दिख रहा है हर चीज़
नीलाम होते दिख रही है अब तो सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दाम तय करने की सरकारी व्यवस्था को ही खतम कर दिया अब महंगाई कहा से कम होगी - हाँ गरीब जरुर कम हो जायेंगे
सत्यनारायण- ऐसा क्यों सोचते हो?
मिश्रा - गलत हूँ तो बोलिये हर जगह हाहाकार मचा है और सरकार कहती है हम मजबूर है , किस से?? खुद की गलत नीतियों से कुछ प्रतिशित लोगो को दिखा के कहते है हम तरक्की कर रहें है
अरे भारत की राजधानी में ८ से १० घंटे बिजली जाती है तो गाँव में क्या हाल होगा - पीने के पानी के लिए खून हो रहें है और सरकार कहती है प्रगति हो रही है
आज शक्कर ४० रूपये बिक रही है तो मोबाइल की सिम मुफ्त में बिक रही है
६५ रुपये में दाल बिकती है तो ६० पैसे मै कॉल दर बिकती है
सब्जी सड़क पर बिक रही है और चप्पल ऐ. सी. दुकानों में
१२ % पर शिक्षा का लोन मिलता है पर कार लोन ५% पर मिल जाता है

पूजा -हमारे देश में लोकतंत्र है, सरकार को जनता के सवालों का जवाब देना ही पड़ेगा
मिश्रा - कैसी बात कर रही है, आप को अब भी लगता है किसी सवाल का जवाब मिलेगा
२५ सालो से इंसाफ मांग रहें है और उन्हें इंसाफ की जगह भीख मिली
सत्यनारायण- ऐसा नही है १० लाख मिलेंगे
मिश्रा - १० लाख!! २५ सालो से हिसाब लगा के देखिये - ३३३३.३० रूपये महिना ही पड़ा है, कोई कुबेर का खज़ाना नही दे दिया है
वो भी २५ सालो बाद वादा किया गया है वो भी इसलिए क्योंकि इनके देशप्रेमी ब्रांड के लोगो ने ही भगाया था जिसने २५ हजार लोगो को मारा था लाखो लोग तो अभी भी बीमारी से पीड़ित है जब की उनके देश में एक आदमी ने ५ हजार लोगो को मारा तो उन्होंने दो देशो को खत्म कर दिया और अभी भी तलाश जारी है और हम ने अपने विमान में २५ हजार लोगो के कातिल को रवाना कर दिया और ये भी कह दिया की आइयेगा जरुर नाम बदल - वर्ना डोव कंपनी कैसे वापस भरत में पैर रख रही है - बिना इन सब की मिली भगत के ?
सत्यनारायण- देश को उधम सिंहजी की जरुरत है

मिश्रा - मेरे कवी मित्र (तरुणजी) भी यही कहते है पर उधम सिंहजी मारेगा किसे जिसने मारा या जिसने भगाया ?
सत्यनारायण- इस सवाल का तो
उत्तर मिलना चाहिये ही?
मिश्रा - देखिये कब मिलता है २५ साल तो होगये और कितने साल व किस पीढी को
उत्तर मिलेगा, इंतजार करना पड़ेगा - पर जिस दिन भी उत्तर मिला हर घर में उधम सिंहजी का जन्म होगा

Saturday 19 June 2010

दीवार पे लटकी तस्वीर

ना जाने क्यों मेरी आंखों में अखरती है,
क्यों मुझे अहसास कराती है अपनी भूलों का।
दीवार
पे लटकी तस्वीर,
घर के कोने में लटकी तस्वीर

ना जाने क्यों मुझे विचलित करती है,
पुरानी हर बातों को ताजा कर देती है
दीवार पे लटकी तस्वीर,
घर के कोने में लटकी तस्वीर

ना जाने मुझे क्यों प्रश्नजाल में फंसा देती है,
उत्तर कहने के पश्चात भी एक नया प्रश्न उजागर कर देती है
दीवार पे लटकी तस्वीर,
घर के कोने में लटकी तस्वीर

ना जाने क्यों मेरा ध्यान खींच लेती है,
बीती हुई बातें शब्द सहित बता देती है
दीवार पे लटकी तस्वीर,
घर के कोने में लटकी तस्वीर

ना जाने क्यों मुझे भयभीत कर देती है,
बच्चों को झूठी कहानी कहने पर विवश कर देती है
दीवार पे लटकी तस्वीर,
घर के कोने में लटकी तस्वीर

ना जाने क्यों मुझे भूत से भविष्य की ओर ले जाती है,
इस तस्वीर में मुझे अपनी तस्वीर क्यों नजर आती है।
दीवार पे लटकी तस्वीर,
घर के कोने में लटकी तस्वीर

चित्र www.google.com से लिया गया है।

Sunday 13 June 2010

रिजेक्ट

मैं फिर रिजेक्ट हो गयीघर मे मातम पसरा है, जैसे देश मे धमाके के बाद पीड़ित परिवारों मे हो जाता है और टीवी पर दिखा रहे और देख ने वालो के लिए एक रिअलिटी शो से ज्यादा कुछ नही होता है वो ही माहोल हमारे घर का था माँ ,पापाजी और भाई दुखी थे और दूसरी तरफ रिश्तेदार इस घटना का लुत्फ़ उठाने और अपनी विशेष टिप्पड़ी देने मे व्यस्त थे, कोई दुखी दिख के मज़ाक उड़ा रहा था कोई ज्ञानी बन के, पर मज़ाक सब उड़ा रहें थे
जब सब को लगा पापा और मम्मी ध्यान नही दे रहें है या ये कहे स्वयं ही खोये हुए है तो बुआजी ने चिर परिचत अंदाज़ मे रोना शुरू कर दिया और २७ सालो से बलि का बकरा बनती आ रही माँ को ताने मारना शुरू कर दिया उमा की ही गलती है उसने ही बच्चो का ठीक से लालन पालन नही कीया, मेरी फूल सी बच्ची पर थोडा सा भी ध्यान रखा होता तो आज रिजेक्ट नही होती, बेचारी, सातवी बार लड़के वालो ने मना कीया है कितना बुरा लग रहा होगा, काश उमा मे थोड़ी सी अक्ल होती, अरे अब लड़की तुम पर चली गयी तो थोडा केयर कर लो, तुम्हारा वाला जमाना चला गया - की काली है फिर भी शादी हो गयी वैसे होता तो पहले भी नही था, पर छोड़ोइसके कारण मेरी बच्ची की ज़िन्दगी बर्बाद हो रही है कौन करेगा इससे शादी और करेगा भी तो कितनी बार ना सुनने के बादउमा रो रो के कमजोरी हो रही है और तू बुत बनी खड़ी है, चाय ही पिला दे मेरे भाई और हम सब को
माँ - जी
बुआजी - देख हर चीज़ बतानी पड़ती हैहे राम इस का क्या करा जाये, कुछ नही आया अभी तक ,चलो शादी से पहले कुछ नही सीखा पर अब तो सीख लो, वही बात है जब माँ को ही कुछ नही आता तो बच्चो से क्या उम्मीद करे - गोरी भी नही और संस्कार भी नही, अब तो चमत्कार ही हो तो बात बने

राहुल - दीदी पे रिजेक्ट का टेग ना लगाये. गोरी का क्या मतलब?? जैसे भारतीय होते है वेसी ही तो होगी या फिर गोरे होने के लिये फैर की बोतले पीले हद ही हो रही है सब ऐसे कह रहें है जैसे लड़के ह्रतिक रोशन हो एक बार अपने लडको को तो देख लो गोरी, लम्बी चाहिये, अरे शादी के बाद मोडलिंग करवानी है मेरी बहन की शादी हो जायेगी किसी को चिंता की जरुरत नही है

शरद चाचा - अरे मेरे युवराज तेरी दीदी को कोई कुछ नही कह रहा है,बस बात कर रहें है, आखिरकार हमारी भी बच्ची है, क्यों बिटिया बोलो, कुछ बोलना है तो बोलो, नही बोलना, कोई बात नही, बिटिया सब जानती है सब शांत रहो एक और लड़का है उसे कल अपनी बिटिया को दिखा देते है शायद वो हाँ कह दे वर्ना और लडको को दिखायेंगे, कोई तो हमारी कल्लो परी को हाँ कर ही देगा अब इतनी भी काली नही है

राजा चाचा - हाँ इतनी काली नही है ########
प्रफुल चाचा - ########
शरद चाचा -######
ममता बुआ -#######

सब खुद को महत्वपूर्ण सदस्य बताने मे व्यस्त हो गये है और मैं स्वयं में अभी मेरी स्थिति प्रधानमंत्री जैसी ही है ना कुछ बोल सकती हूँ ना कुछ कर सकती हूँ क्यों की हाई कमांड (पापाजी) बोलने की स्थिति मे नही थे और उन्हें सब को ले कर परिवार (सरकार) भी चलाना था
वर्ना ममता बुआजी या शरद चाचा अलग होने की धमकी दे देगे तो राहुल भाई के करियर (पे जो सब ने खर्चा कीया है वो वापस ले लिया तो) पर अल्प विराम लग जायेगा !

चित्र www.google.com से लिया गया है।