शीश उठाए शब्दकोश बिछाए ,
मैं इंतजार कर रहा हूं ।
हर आहट पे मुस्कुरा रहा हूं ,
न जाने क्यों इतना व्याकुल हो रहा हूं ।
नव वर्ष अब तुम आ भी जाओ।
आना बड़ी सावधानी से,
कहीं अहंकार, क्रोध, द्वेष भी न संग आ जाएं।
अन्यथा वह तुम्हे भी भाव हीन कर देंगे ,
प्रारम्भ से पहले ही अंत की शुरुआत कर देंगे।
नव वर्ष अब तुम आ भी जाओ।
लाना है तो मानवता और भाईचारे को लाना,
लाना है तो सच्चाई और विश्वास को लाना ।
लाना है तो प्रगति और स्मृद्धि को लाना,
लाना है तो गौरव और कौशल को लाना।
नव वर्ष अब तुम आ भी जाओ........
bahut sunder aur saralta se likha gaya hai navvarsh ka aagaman ko, aapki ek,ek,wakya satay ho... charo taraf shanti aur aman jarur chh jayegi.........bahut khubsurat rachna sir........
ReplyDeleteबहुत उम्दा रचना....
ReplyDeleteखूबसूरत रचना ।
ReplyDeletebahut hi achha hai...........i like very much it..............by heart!!!!!!!!!!
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