Saturday, 2 October 2010

आज नहीं तो कल

आज नहीं तो कल,
मैं भी मोक्ष प्राप्त करूंगा।
इस जीवन रूपी दुनिया को छोड़,
कहीं दूर चला जाऊंगा

आज नहीं तो कल,
मैं भी क्षितिज पार करूंगा।
विवेक
की मशाल जला,
परमात्मा
में मिल जाऊंगा।

आज नहीं तो कल ,
मैं भी पूजा जाऊंगा।
पत्थर की मूरत बना,
कहीं कोने में खड़ा कर दिया जाऊंगा।

आज नहीं तो कल.....

चित्र www.google.com से लिया गया है।

2 comments:

  1. आज नहीं तो कल ,
    मैं भी पूजा जाऊंगा।
    पत्थर की मूरत बना,
    कहीं कोने में खड़ा कर दिया जाऊंगा।

    aaditya ji bilkul gahraai se utar diya aapne baat ko.............badhai

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